खेत तालाब योजना 2025: अब हर किसान को मिलेगा ₹52,500 की सब्सिडी में तालाब

Khet Talab Yojana 2028


देश के किसानों के लिए खेती के साथ-साथ जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने खेत तालाब योजना की शुरुआत की है। यह योजना खासकर उत्तर प्रदेश में तेजी से लागू की जा रही है ताकि किसानों को सिंचाई में मदद मिल सके और सूखे पड़ने की स्थिति में वे प्राकृतिक जल स्रोत पर निर्भर न रहें।

क्या है खेत तालाब योजना?

खेत तालाब योजना के तहत किसानों को उनके खेत में तालाब (pond) खुदवाने के लिए सरकार की तरफ से ₹52,500 की सब्सिडी दी जाती है। इस तालाब का उपयोग वर्षा जल संग्रहण (Rainwater Harvesting), कर सिंचाई और मछली पालन के लिए किया जा सकता है।

योजना की खासियत क्या है?

  • सरकार किसानों को 22 मीटर × 20 मीटर × 3 मीटर आकार का तालाब खुदवाने पर 50% सब्सिडी देती है।
  • इस तालाब को खुदवाने की कुल लागत लगभग ₹1,05,000 आती है, जिसमें से ₹52,500 उत्तर प्रदेश सरकार देती है।
  • यदि किसान माइक्रो इरिगेशन सिस्टम जैसे ड्रिप या स्प्रिंकलर का उपयोग करता है, तो ₹15,000 या 50% तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाती है।

योजना की शुरुआत और आवेदन प्रक्रिया

योजना की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया हर साल जून के पहले सप्ताह में शुरू होती है। इस वर्ष यह योजना 3 जून से शुरू की गई है। पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया जाता है।


आवेदन कैसे करें?

  1. सबसे पहले agritdrashan.up.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
  2. वहां "खेत तालाब योजना" के लिंक पर क्लिक करें।
  3. अपना नाम, जिला, मोबाइल नंबर, आधार नंबर और भूमि विवरण भरें।
  4. ₹1,000 का टोकन अमाउंट ऑनलाइन जमा करें।
  5. लैंड पेपर, खसरा-खतौनी और माइक्रो इरिगेशन प्रमाण पत्र अपलोड करें।

 आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक (DBT के लिए)
  • भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (खसरा, खतौनी)
  • स्वप्रमाणित घोषणा पत्र
  • माइक्रो इरिगेशन सिस्टम का प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)

सब्सिडी की प्रक्रिया

किसानों को सब्सिडी दो किस्तों में दी जाती है:

  • पहली किस्त: जब किसान खुदाई का कार्य शुरू करता है, तो पहली किस्त दी जाती है।
  • दूसरी किस्त: जब तालाब पूरी तरह से तैयार हो जाता है और फोटोग्राफ्स के साथ रिपोर्ट सबमिट की जाती है।

अब तक की उपलब्धियां

उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत अब तक 37,000 से अधिक खेतों में तालाब निर्माण कार्य हो चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में अधिक से अधिक किसान इस योजना से जुड़ें और वर्षा जल को संरक्षित करें। और सूखा पड़ने की स्थिति में जो जल संचय किया है उसका उपयोग कर करे फसल हो सूखे से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

 मछली पालन और अतिरिक्त आय

कई किसान तालाब बनवाने के बाद उसमें मछली पालन कर एक अतिरिक्त आय का स्रोत भी बना लेते हैं जिससे उनके तालाब की जमीन से दो मुख्य फायदे ले लेते है एक सिंचाई कर फसल उत्पादन बढ़ाते हैं और दूसरा मछली पालन से सीधा लाभ लेते हैं।

योजना के फायदे

  • प्रदेश के कई स्थानों पर खासकर मई और जून के माह में जल स्तर काफी कम हो जाता है जिससे किसानों के साथ साथ आम जन को भी जल संकट का सामना करना पड़ता है, सरकार के इस योजना से जल संरक्षण और भूजल स्तर में सुधार होता है।
  • फसल सिंचाई में सुविधा मिलना
  • सूखे के समय पानी का भंडारण रहना
  • मछली पालन द्वारा अतिरिक्त आमदनी का स्रोत 
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से सुरक्षा करने में सहायता देना।

एक किसान की कहानी

प्रतापगढ़ जिले के किसान रामेश्वर यादव ने 2022 में खेत तालाब योजना के तहत तालाब खुदवाया। अब वे उसमें मछली पालन करते हैं और अपने खेतों की सिंचाई भी उसी पानी से करते हैं। उनका कहना है कि, "पहले बोरिंग से सिंचाई करते थे, खर्च भी ज्यादा था और पानी भी नीचे जा रहा था। अब तालाब के पानी से काम चल जाता है।"

संपर्क करें

  • नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय
  • टोल फ्री हेल्पलाइन: 1800-180-8888
  • आधिकारिक पोर्टल: agritdrashan.up.gov.in

निष्कर्ष

खेत तालाब योजना न सिर्फ पानी बचाने का एक कारगर उपाय है, बल्कि किसानों के लिए आजीविका बढ़ाने का साधन भी है। जो किसान सिंचाई में समस्याएं झेल रहे हैं या वर्षा जल को सहेजना चाहते हैं, उनके लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं।

अगर आप भी किसान हैं और अपनी जमीन पर एक तालाब बनवाकर खेती में आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं, तो आज ही आवेदन करें। योजना का लाभ उठाएं और अपनी खेती को स्मार्ट बनाएं।

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