सुकन्या समृद्धि योजना:
छोटा सा परिचय
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 22 जनवरी 2015 को की गई थी। यह योजना भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत शुरू की गई है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों के भविष्य में आने वाले खर्चों जैसे कि पढ़ाई लिखाई और शादी में होने वाले खर्चों को माता-पिता के ऊपर से कम करना है।
सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ
- सुरक्षित और निश्चित रिटर्न – सरकार द्वारा 8.2% का निश्चित ब्याज मिलेगा।
- पूर्ण रूप से टैक्स फ्री (EEE)।
- पहला जमा न्यूनतम ₹250 होगा। इसके बाद आप वार्षिक और अधिक पैसे जमा कर सकते हैं।
- वार्षिक जमा ₹250 से ₹1,50,000 तक किया जा सकता है।
- अगर आपका निवास स्थान बदलता है, तो आप इस खाते को अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस या बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं।
- न्यूनतम ₹250 की जमा राशि से बचत को बढ़ावा मिलता है।
सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान:
सरकार सभी योजनाएं लोगों के फायदे के लिए ही बनाती है, लेकिन हर योजना के अपने नुकसान भी होते हैं जिसे जानकार ही आप इसमें निवेश करें।
आइए जानते है सुकन्या समृद्धि योजना के10 नुकसान
- ज्यादा समय तक निवेश
इस योजना में निवेश की समय सीमा 21 वर्ष रखा गया जो कि सामान्य निवेश योजनाओं से अधिक है।- सिर्फ 2 बार पैसे निकालेने की सुविधा
सुकन्या समृद्धि योजना में पैसे आप सिर्फ दो बार ही निकाल सकते हैं। पहली बार जब लड़की 18 वर्ष के लिए हो जाती है तो सिर्फ पढ़ाई के उद्देश्य से पैसे निकाल सकते हैं और दूसरा जब योजना 21 वर्ष पूरा करता हो। यानी कि शादी में लिए बीच में पैसे निकाल ने की अनुमति नहीं देता।- ब्याजदर में अस्थिरता
SSY योजना में हर 3 माह बाद ब्याज दर में बदलाव होता है जो कि इसके लाभ को प्रभावित करता है।
- इससे ज्यादा ब्याज वाली सुविधा
म्युचुअल फंड और SIP जैसी कई निवेश के सुविधा देती है जिसमें ब्याज दर अधिक मिलता है लेकिन रिस्क से भी अधिक है।- महंगाई दर से कम ब्याज
जिस दर से महंगाई में वृद्धि होती है उसके हिसाब से इसमें मिलने वाले लाभ कम हो जाते है क्योंकि इसमें 21 वर्ष का समय भी लगता है।- सीमित उद्देश्य
ये योजना का उद्देश्य सीमित है मात्र लड़की की पढ़ाई और विवाह इसके उपरांत कोई अन्य कार्य जैसे बिजनेस या हेल्थ समस्या में काम नहीं करेगा।- केवल लड़कियों के लिए बाध्य
सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ लड़कियों के लिए ही है इससे इसकी बाध्यता बढ़ जाती है किस इसका लाभ सिर्फ लड़की ही ले सकती है लड़का नहीं।- पैसे की कम से कम की लिमिट
इसमें ₹250/वर्ष की मिनिमम राशि जमा करनी होती है, जोकि योजना की लिमिट को दर्शाता है।- चक्रवृद्धि ब्याज का कम फायदा
इस योजना में चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा कम मिलता है चूंकि इसमें होने वाले व्याजदार में बदलाव के कारण होता है।- जमा राशि वाले प्लान में बाध्यता
SSY योजना में अपने एक बार जितनी राशि का चुनाव कर लिया फिर बाद में उसे बदलने का कोई विकल्प नहीं मिलता।Also Read: Zero बैलेंस Account पर 2 लाख का लाभ
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सुकन्या समृद्धि खाता कैसे खोलें?
- अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस जाएं या फिर भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बैंक जैसे कि SBI, HDFC Bank, Axis Bank आदि में जाएं।
सुकन्या समृद्धि योजना में जरूरी दस्तावेज:
- बेटी का जन्म प्रमाण पत्र
- अभिभावक का आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- निवास प्रमाण पत्र
सुकन्या समृद्धि योजना की मुख्य बातें:
- ब्याज दर हर 3 महीने में बदलती है (अभी 8.2%)।
- हर वर्ष चक्रवृद्धि ब्याज जुड़ता है।
- यह खाता बच्ची के माता या पिता खोल सकते हैं।
- बच्ची की उम्र 10 वर्ष से कम होनी चाहिए।
- एक माता-पिता केवल 2 बच्चियों के लिए खाता खोल सकते हैं (जुड़वां बच्चियों पर अपवाद)।
- न्यूनतम ₹250 और अधिकतम ₹1,50,000 प्रति वर्ष जमा किया जा सकता है।
- खाता 21 वर्ष के बाद या लड़की की शादी होने पर (यदि उम्र 18 वर्ष से अधिक हो) बंद किया जा सकता है।
- कम से कम 15 वर्षों तक राशि जमा करनी होती है, इसके बाद भी ब्याज मिलता रहेगा।
- 18 वर्ष की उम्र के बाद लड़की खुद अपना खाता नियंत्रित कर सकती है।
- 18 वर्ष की उम्र के बाद खाते से 50% राशि निकाली जा सकती है, खासकर शिक्षा के लिए।
- शादी से 1 महीने पहले या 3 महीने बाद खाता बंद किया जा सकता है, बशर्ते लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक हो।
SSY केवल पैसों के लिए ही नहीं, बेटियों को सशक्त बनाने का माध्यम:
सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ पैसों की बचत के लिए नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी योजना है जो लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।
SSY vs PPF (Public Provident Fund)
योजना | ब्याज दर |
---|---|
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) | 8.2% |
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) | 7.1% |